एकांत / सदुपयोग
एक नाव से लाखों यात्री पार उतर गये, आठ व्यक्ति ड़ूब गये,
क्योंकि एक Side में बैठ गये थे – एकांती ।
पतवार थी पर खेना नहीं आता था, पार नहीं हो पाये –
सिर्फ साधनों से पार नहीं होते, उसके सदुपयोग से पार होते हैं ।
णमोकार उबारता है पर सुभौम चक्रवर्ती ड़ूबा भी णमोकार के निमित्त से ।
न एकांती पार होंगे, नाही दुरुपयोगी ।
3 Responses
मनुष्य को एकांत में रहते हुए, उसे सभी साधन मिलते हुए भी उसका सदुपयोग नहीं करता है तो उसका जीवन निष्फल रहता है। प़ाणी को णमोकार मंत्र आता है तो उसका सदुपयोग एकांत में रहकर करता है तो जीवन का उद्भार भी कर सकता है। अतः साधन मिल कर सदुपयोग करना चाहिए ताकि जीवन सफल हो सकता है।
What do we mean by “खेना” in the above context, please?
नाव को पतवार के सहारे खेते हैं ।