कंजूस / मितव्ययी
कंजूस अनुपयोगी,
फिजूलखर्ची दुरुपयोगी,
मितव्ययी सदुपयोगी।
उदारता तब आयेगी, जब आपकी आसक्त्ति कम होगी।
आसक्त्ति कम तब होगी,
जब आप सम्पत्ति/ जीवन की नश्वरता को समझेंगे।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
कंजूस अनुपयोगी,
फिजूलखर्ची दुरुपयोगी,
मितव्ययी सदुपयोगी।
उदारता तब आयेगी, जब आपकी आसक्त्ति कम होगी।
आसक्त्ति कम तब होगी,
जब आप सम्पत्ति/ जीवन की नश्वरता को समझेंगे।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
One Response
कंजूस का मतलब अपनी वस्तु या पैसा का कभी ख़र्च नहीं करता है, जबकि मितव्ययी का मतलब अपनी बचत करना होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि कंजूस अनुपयोगी, फिजूलखर्ची दुरुपयोगी , जबकि मितत्वय सदुपयोगी। उपरोक्त कथन सत्य है कि उदारता तब आवेगी,जब आसक्ति कम होगी। अतः जीवन में सम्पत्ति या जीवन की नश्वरता समझ में आयेगी। अतः जीवन में उदारता का भाव होना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।