मिथ्यात्व के 3 टुकड़ों के बारे में मुख्य और गौण विवक्षा से 2 मत कह सकते हैं।
1. करण ने किये हैं।
2. काललब्धि से हुये हैं।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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6 Responses
मुनि महाराज जी का कथन सत्य है कि मिथ्यात्व के तीन टुकडों के बारे में मुख्य और गौण विवक्षा से दो मत कह सकते हैं! पहले करण ने किये हैं,इसके अलावा काललब्धि से हुऐ हैं! अतः जीवन में करण का महत्व समझना आवश्यक है!
1. ‘करण ने किये हैं।’ ka meaning clarify karenge, please ? Yeh ‘मुख्य’ विवक्षा से hai, right ?
2) ‘काललब्धि से हुये हैं।’ Yeh ‘गौण’ विवक्षा से hai, right ?
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मुनि महाराज जी का कथन सत्य है कि मिथ्यात्व के तीन टुकडों के बारे में मुख्य और गौण विवक्षा से दो मत कह सकते हैं! पहले करण ने किये हैं,इसके अलावा काललब्धि से हुऐ हैं! अतः जीवन में करण का महत्व समझना आवश्यक है!
1. ‘करण ने किये हैं।’ ka meaning clarify karenge, please ? Yeh ‘मुख्य’ विवक्षा से hai, right ?
2) ‘काललब्धि से हुये हैं।’ Yeh ‘गौण’ विवक्षा से hai, right ?
सही
करण ने किये हैं।’ ka meaning clarify karenge,
please ?
मिथ्यात्व के तीन टुकड़े अधःकरण/अपूर्व/अनिवृत्ति करण भावों से हुए हैं।
Okay.