करणानुयोग
“करण” के दो अर्थ –
1. परिणाम 2. गणित
अनुयोग के प्रसंग में गणित ही लिया गया है क्योंकी आचार्य श्री समंतभद्र स्वामी ने कहा है – करुणानुयोग के शास्त्रों में चतुर्गति, युगपरिवर्तन और लोक-अलोक का कथन होता है, भौगोलिक जानकारी देने वाले ये शास्त्र हैं।
इन शास्त्रों का स्वाध्याय करने से संवेग भाव की प्राप्ति होती है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी