आपने सुबह चार बजे का अलार्म भरा (कर्म आपने किया), अब नींद Disturb होने पर खुश भी हो सकते हो/ दुखी भी ।
कर्म सुख/दु:ख नहीं देते,
कर्म-फल से राग-द्वेष, सुख/दुःख देते हैं ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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कर्म का मतलब जीव मन वचन काय के द्वारा प़तिक्षण कुछ न कुछ करता है,यह सब क़िया या कर्म है। कर्म फल का मतलब ऐसा अनुभव करना कि इसे मैं भोगता हूं। अज्ञानी संसारी जीव इन्द़िय जनत सुख दुःख में तन्मय होना सुखी या दुःखी का अनुभव करना है। उपरोक्त कथन सत्य है कि कर्म सुख और दुःख नहीं देते हैं, बल्कि कर्म फल राग द्वेष/सुख दुःख देते हैं।
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कर्म का मतलब जीव मन वचन काय के द्वारा प़तिक्षण कुछ न कुछ करता है,यह सब क़िया या कर्म है। कर्म फल का मतलब ऐसा अनुभव करना कि इसे मैं भोगता हूं। अज्ञानी संसारी जीव इन्द़िय जनत सुख दुःख में तन्मय होना सुखी या दुःखी का अनुभव करना है। उपरोक्त कथन सत्य है कि कर्म सुख और दुःख नहीं देते हैं, बल्कि कर्म फल राग द्वेष/सुख दुःख देते हैं।