केवली

भगवान के केवलज्ञान होते समय शरीर परम औदारिक हो जाता है, तो क्या सारे निगोदिया जीव मर जाते हैं ?
बारहवें गुणस्थान में पहुँचने पर बादर निगोदिया जीव उनके शरीर में उत्पन्न होना बंद कर देते हैं और जो हैं, वे आयु पूर्ण कर तेरहवें गुणस्थान में आते आते मरण को प्राप्त हो जाते हैं | इसलिये हिंसा का प्रश्न ही नहीं है ।

ज़िनभाषित मार्च 09

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