क्रम पर्याय
आगम में “क्रम वर्तिनः पर्याय” कहा है यानी एक पर्याय के बाद दूसरी पर्याय क्रम से आती है। जैसे मनुष्य में बालपना, युवावस्था, वृध्दावस्था क्रम से।
इसे “क्रमवती पर्याय” कहते हैं पर इसे “क्रमबद्ध पर्याय” कहने लगे, जो आगम सम्मत् नहीं है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (तत्त्वार्थ सूत्र – 5/38)