क्रिया / भाव
धान कूटते देख कर तो पता नहीं लगता कि व्यक्ति धान कूट रहा है या छिलके (क्योंकि ऊपर छिलके ही दिखते हैं)।
धार्मिक क्रियाओं को देख कर हम सामने वाले का पता नहीं कर सकते कि भाव सहित कर रहा है या नहीं।
सो अपनी क्रियाओं पर ही ध्यान दें और भाव सहित करें।
शांतिपथ प्रदर्शक
One Response
क़िया एवं भाव का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन का कल्याण करने के लिए क़ियायें करने के साथ उसका भाव रखना परम आवश्यक है।