खेल
खेल में हार न हो, सिर्फ जीत ही जीत हो तो खेल का आनंद क्या!
जीवन का आनंद लेना है तो हार को भी स्वीकारना होगा।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
खेल में हार न हो, सिर्फ जीत ही जीत हो तो खेल का आनंद क्या!
जीवन का आनंद लेना है तो हार को भी स्वीकारना होगा।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
One Response
उपरोक्त कथन सत्य है कि जिन्दगी में हार जीत होती रहती है। खेल में हार न हो सिर्फ जीत हो तो खेल में आनन्द नहीं हो सकता है। अतः जीवन में आनंद लेना हो हार को भी स्वीकार करना परम आवश्यक है। अतः अपनी किसी भी क्षेत्र में हार को स्वीकार करके अपना कल्याण करने में समर्थ हो सकते हैं।