गंधी / गंदी
गंधी चारों और सुगंध फैलाता है जैसे हंस सरोवर की शोभा,
गंदी गंदगी जैसे सरोवर में सूअर कीचड़-कीचड़ कर देता है।
एक-एक गुण का आदान/प्रदान दोनों पक्षों के पास दो-दो गुण पहुँचा देता है, ऐसे ही बुराई ।
बुरे का साथ निभाना ही पड़ जाए तो Distancing ही उपाय है।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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उपरोक्त कथन सत्य है कि एक एक गुण का आदान-प्रदान दोनों पक्षों के पास पहुंचा देता है,ऐसे ही बुराई बुरे के साथ निभाना भी पड़ जावे तो दूरी बनाना आवश्यक है। अतः जीवन में गुणों को ग़हण करना चाहिए, जबकि अवगुण से दूरी बना कर चलना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।