गुणस्थानों में सम्यक्त्वादि

चौथे गुणस्थान में क्षायिक सम्यक्त्व लब्धि तथा केवली के उत्कृष्ट (परभावगाढ़), श्रुत केवली के अवगाढ़ सम्यक्त्व होता है ।
ऐसे ही क्षायिक चारित्र में बारहवें गुणस्थान तथा केवली में भेद रहता है ।

श्री लब्धिसार/166 गाथा

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