श्री भगवती आराधना में कहा है – गुरु का आशीष –
1. मिथ्यादृष्टि को – “धर्म लाभ”
2. सम्यग्दृष्टि को – “धर्म वृद्धि” (धर्म तो पहले से है ही, कुलाचार का पालन तो कर ही रहा है)
3. व्रती को – “समाधि प्राप्त हो”
देना चाहिये ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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उपरोक्त कथन सत्य है कि गुरु का आशीर्वाद जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि गुरु के आशीर्वाद से मिथ्या द्वष्टि को धर्म लाभ मिलता है, सम्मयग्द्वष्टि को धर्म में वृद्धि होती है, जबकि वृत्ति को समाधि प्राप्त हो सकती है। अतः हर जीव को गुरु आशीर्वाद अवश्य लेना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि गुरु का आशीर्वाद जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि गुरु के आशीर्वाद से मिथ्या द्वष्टि को धर्म लाभ मिलता है, सम्मयग्द्वष्टि को धर्म में वृद्धि होती है, जबकि वृत्ति को समाधि प्राप्त हो सकती है। अतः हर जीव को गुरु आशीर्वाद अवश्य लेना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।