बीज और खेत गृहस्थ के,
फसल (धर्म की) उगाता है साधु,
खाते दोनों मिलकर हैं ।
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उपरोक्त कथन बिलकुल सत्य है – – – – –
गृहस्थों को अपने जीवन में सुधार लाने के लिए साधुओं की आवश्यकता है, उसी प्रकार साधुओं की साधना के लिए कुछ आहार देने के लिए जरूरी है। इस प्रकार धम॓ के उत्थान के लिए दोनों की आवश्यकता है।
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उपरोक्त कथन बिलकुल सत्य है – – – – –
गृहस्थों को अपने जीवन में सुधार लाने के लिए साधुओं की आवश्यकता है, उसी प्रकार साधुओं की साधना के लिए कुछ आहार देने के लिए जरूरी है। इस प्रकार धम॓ के उत्थान के लिए दोनों की आवश्यकता है।