घमंड
हर छत, ऊपर मंज़िल बनने पर फर्श बन जाती है ।
छत को घमंड ना आये, ऐसा क्या करें ?
यश-बड़वानी
हर उपलब्धि को छत की क्षण-भंगुरता की तरह देखें ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
हर छत, ऊपर मंज़िल बनने पर फर्श बन जाती है ।
छत को घमंड ना आये, ऐसा क्या करें ?
यश-बड़वानी
हर उपलब्धि को छत की क्षण-भंगुरता की तरह देखें ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
One Response
घमंड मनुष्य जीवन की बहुत बड़ी दुर्बलता होती है जो जीवन को नीचे गिराता है वह अपनी ऊंचाई नहीं छू सकता है। अतः मुनि श्री प़माण सागर महाराज ने सही कहा है कि हर उपलब्धि को छत की क्षण भंगुरता की तरह देखना चाहिए यानी घमंड से जीवन भी क्षण भंगुर हो जाता है।