जल भगवान पर ड़ाला जाता है, शीतलता भक्त को, विकार भक्त के धुलते हैं ।
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यह कथन बिलकुल सत्य है कि भगवान के ऊपर अभिषेक और शान्तिधारा करते हैं,वह गन्धोदक अपने मस्तिक पर लगाने से मन में शान्ति एवं अपने अन्दर जो विकार होते हैं वह धुलने का काम करता है। अतः जो जल भगवान के ऊपर से आता है वह जीवन की दिशा बदल देता है। जीवन में हर मनुष्य को अभिषेक और शान्तिधारा अवश्य करना चाहिए जिससे अपने कर्मों को काट सके।
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यह कथन बिलकुल सत्य है कि भगवान के ऊपर अभिषेक और शान्तिधारा करते हैं,वह गन्धोदक अपने मस्तिक पर लगाने से मन में शान्ति एवं अपने अन्दर जो विकार होते हैं वह धुलने का काम करता है। अतः जो जल भगवान के ऊपर से आता है वह जीवन की दिशा बदल देता है। जीवन में हर मनुष्य को अभिषेक और शान्तिधारा अवश्य करना चाहिए जिससे अपने कर्मों को काट सके।