तीर्थंकरों की छद्मस्थ अवस्था मुनि बनने तथा केवलज्ञान के बीच की मानी जाती है ।
आदिनाथ भगवान की 1000 वर्ष थी (हरवंश पुराण – पेज 732)
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उपरोक्त कथन सत्य है कि तीर्थंकरों की छद्मस्थ अवस्था मुनि बनने तथा केवलज्ञान के बीच की मानी जाती है।श्री आदिनाथ भगवान् की 1000 वर्ष की अवस्था छद्मस्थ रही है जिसका पुराण में उल्लेख किया गया है।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि तीर्थंकरों की छद्मस्थ अवस्था मुनि बनने तथा केवलज्ञान के बीच की मानी जाती है।श्री आदिनाथ भगवान् की 1000 वर्ष की अवस्था छद्मस्थ रही है जिसका पुराण में उल्लेख किया गया है।