जिनवाणी
जिनवाणी माँ हमें समझा रही है कि कब तक चारों गतियों में जन्म मरण करते रहोगे ?
अन्य पदार्थों की चाह में यह भ्रमण अनंत काल से चला आ रहा है और चलता ही रहेगा, यदि इस त्रासदी को नहीं रोका तो।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
जिनवाणी माँ हमें समझा रही है कि कब तक चारों गतियों में जन्म मरण करते रहोगे ?
अन्य पदार्थों की चाह में यह भ्रमण अनंत काल से चला आ रहा है और चलता ही रहेगा, यदि इस त्रासदी को नहीं रोका तो।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
4 Responses
आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने जिनवाणी मां का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः चारों गतियों में भ़मण से बचना है तो मोक्ष मार्ग के रास्ते पर चलना परम आवश्यक है।
‘त्रासदी’ ka kya meaning hai, please ?
अभिशाप ।
Okay.