जीवन और मृत्यु
जीवन एक बुलबुला है,
किसी का छोटा किसी का बड़ा,
मृत्यु, उसमें छेदा गया काँटा है ।
जो अपने को बड़ा मानता है,
वह भी कुछ भी नहीं रह जाता ।
क्षु. श्री ध्यानसागर जी
जीवन एक बुलबुला है,
किसी का छोटा किसी का बड़ा,
मृत्यु, उसमें छेदा गया काँटा है ।
जो अपने को बड़ा मानता है,
वह भी कुछ भी नहीं रह जाता ।
क्षु. श्री ध्यानसागर जी
One Response
Yah kathan sahi hai,
jeevan and mrityu ka vidhaan pahale se nirdhaarit hota hai,
jo jeevan mein acchha kaarya karata hai usaka naam rahega, baaki kuch nahin rahega.