जैन दर्शन प्रजातांत्रिक है; हर आत्मा शिखर तक जा सकता है/ गये हैं/ जा रहे हैं/ जाएँगे।
अन्य दर्शनों में एक ही आत्मा/ परमात्मा था/ है/ रहेगा।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने जैन दर्शन का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। जैन दर्शन अपनी आत्मा का कल्याण के लिए सर्वश्रेष्ठ है इसमें आत्मा को परमात्मा बनने में समर्थ है।
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने जैन दर्शन का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। जैन दर्शन अपनी आत्मा का कल्याण के लिए सर्वश्रेष्ठ है इसमें आत्मा को परमात्मा बनने में समर्थ है।