ज्ञान किसी प़कार का हो चाहे व्यवहारिक,अध्यामिक आदि हो लेकिन यह तीन तरह का होता है।यह सही है कि मनन से होता है वह सबसे श्रेष्ठ होता है लेकिन अनुसरण करना सरल होता है, जबकि अनुभव से होता है वह कड़वा ही होता है।
जीवन में कोई लक्ष्य रखता है, उसका मनन करना चाहिए और उसका अनुसरण करना चाहिए ताकि उससे जो अनुभव होगा वही सच्चा ज्ञान कहलायेगा, चाहे वह मीठा हो या कड़वा।
One Response
ज्ञान किसी प़कार का हो चाहे व्यवहारिक,अध्यामिक आदि हो लेकिन यह तीन तरह का होता है।यह सही है कि मनन से होता है वह सबसे श्रेष्ठ होता है लेकिन अनुसरण करना सरल होता है, जबकि अनुभव से होता है वह कड़वा ही होता है।
जीवन में कोई लक्ष्य रखता है, उसका मनन करना चाहिए और उसका अनुसरण करना चाहिए ताकि उससे जो अनुभव होगा वही सच्चा ज्ञान कहलायेगा, चाहे वह मीठा हो या कड़वा।