भगवान के ज्ञान को जैसे का तैसा समझना/ समझाना चाहिये।
नमक मिर्च लगाने से भोजन का असली स्वाद/ सत्य समाप्त हो जाता है, स्वास्थ्य/ आत्मा के लिये स्वास्थ्यवर्धक/ कल्याणकारी नहीं रह जाता है।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि भगवान के ज्ञान को जैसे का तैसा समझना एवं समझना चाहिए! इसमें नमक मिर्च लगाने पर असली स्वाद समाप्त हो जाता है! इससे आत्मा के स्वास्थ्य के लिए कल्याणकारी नहीं रहता है! अतः जीवन में भगवान के ज्ञान का उपयोग करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है!
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उपरोक्त कथन सत्य है कि भगवान के ज्ञान को जैसे का तैसा समझना एवं समझना चाहिए! इसमें नमक मिर्च लगाने पर असली स्वाद समाप्त हो जाता है! इससे आत्मा के स्वास्थ्य के लिए कल्याणकारी नहीं रहता है! अतः जीवन में भगवान के ज्ञान का उपयोग करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है!