ज्ञानेंद्रिय
इंद्रियों का उपयोग ज्ञान की अपेक्षा से, इसलिये इंद्रियों को ज्ञानेंद्रिय कहा है।
अन्य मतों में 5 इंद्रियों की जगह 10 इंद्रियाँ मानी हैं। 5 कर्मेन्द्रियों को लेते हैं जैसे बोलने की क्रिया को वाकइंद्रिय कहा है।
जैन दर्शन में इंद्रियों की रचना तथा जानकारी लेने को ज्ञानेंद्रिय कहा है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (तत्त्वार्थ सूत्र – 2/15)
One Response
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने ज्ञानेद़िय का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।