णमोकार मंत्र के सभी पदों के अंत में परमेष्ठियों के नाम (अरिहंताणं, सिद्धाणं आदि) चतुर्थी विभक्ति (संप्रदान) के बहुवचन में है। इसका अर्थ है; अरिहंतों(बहुवचन) आदि के लिये।
(कमलकांत)
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णमोकार मंत्र का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है!
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