दृष्टि
दृष्टि पलटा दो,
तामस समता हो
और कुछ ना
(तामस और समता, एक दूसरे को पलटाने से, यानि अंधकार में समता रखूं)
आचार्य श्री विद्यासागर जी
कैसे समता रखूं ?
1. दु:खों में सुख खोजें
2. प्रतिकूलता में अनुकूलता ढ़ूढ़ें
3. बुराई में अच्छाई देखें
4. विपत्ति में संपत्ति देखें
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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तामस का मतलब अंधकार एवं समता का तात्पर्य शत्रु मित्र,सुख दुःख,लाभ अलाभ और जय पराजय में हर्ष विवाद नहीं करना एवं समभाव रखना ही होता है।
अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि तामस और समता को एक दूसरे को पलटने से अंधकार में समता भाव रखना यानी अपनी द्वष्टिकोण को बदलना होगा। समता भाव रखने के लिए दुखों में सुख खोजना प़तिकूलता में अनुकूलता ढूंढना, बुराई में अच्छाई देखने का प्रयास एवं विपत्ति में संपत्ति देखना चाहिए। अतः जीवन में हर एक मामले में समता का भाव रखना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।