देव-दर्शन

मूर्ति के दर्शन को प्रत्यक्ष कहेंगे या परोक्ष ?
वैसे तो देव-दर्शन मति/श्रुत ज्ञान का विषय है, इसलिये परोक्ष हुआ ।
लेकिन यदि मूर्ति में भगवान के दर्शन हो रहे हों तो व्यवहार-प्रत्यक्ष कहेंगे ।

आर्यिका श्री विज्ञानमती जी

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One Response

  1. देव दर्शन यानी जो देव सदा परम सुख में लीन रहते हैं और धर्म के विधाता हैं एवं मोक्ष मार्ग का दिखाने का कार्य करते हैं, इनके प्रति श्रद्वान होना चाहिए। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि देव दर्शन परोक्ष और प़त्यक्ष रुप में भी कर सकते हैं। जो परिभाषा दी गई है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में उनके प़ति श्रद्वान होना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।

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