धर्म
अंधे को खीर खाने दी ।
अंधे ने पूछा – खीर कैसी होती है ?
सफ़ेद ।
सफ़ेद कैसा होता है ?
बगुले जैसा ।
बगुले की गर्दन तो टेड़ी होती है, गले में फ़ंस जायेगी, मैं खीर नहीं खाऊंगा!
कुछ लोग, धर्म के क्षेत्र में इसीलिये नहीं आते क्योंकि शायद वे अंधे हैं, कहीं धर्म उनके गले में अटक ना जाये ।
श्री लालमणी भाई