हमको धर्म की राह पर लगाने वाले, हमारे प्रियजन होते हैं । यदि आगे चलकर, वे ही धर्म के रास्ते पर, बढ़ने में बाधक बन जाएँ तो, उनको छोड़ देना चाहिए । Reply
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Can the relevance of the title to the post, be explained please?
हमको धर्म की राह पर लगाने वाले, हमारे प्रियजन होते हैं ।
यदि आगे चलकर, वे ही धर्म के रास्ते पर, बढ़ने में बाधक बन जाएँ तो, उनको छोड़ देना चाहिए ।
Okay.