उड़ती हुई धूल को गुलाल मानना तो आसान है,
पर आंखों में फेंकी धूल को गुलाल कैसे मानें ?
यश-बड़वानी
आ.श्री विद्यासागर जी कहते हैं कि कोई धोखा दे तो उसे धोकर खा लो ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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4 Responses
धोखा देना अच्छी बात नहीं है लेकिन आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने बहुत सही कहा है कि कोई धोखा देता है धोकर खा लो यानी उसका प़तिकार नहीं करते हुए सहज स्वीकार कर लेना आवश्यक है।
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धोखा देना अच्छी बात नहीं है लेकिन आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने बहुत सही कहा है कि कोई धोखा देता है धोकर खा लो यानी उसका प़तिकार नहीं करते हुए सहज स्वीकार कर लेना आवश्यक है।
“तो उसे धोकर खा लो” ka kya taatparya hai, please?
धोखे को अपने कर्मों का फल मानने/ उसमें सकारात्मक दृष्टि रखने से…
धोखे के साथ आये दुःख धुल जायेंगे न !
Okay.