नकुल / सहदेव

दोनों सर्वार्थसिद्धि गये और वहाँ जाने के लिये शुक्ल-लेश्या आवश्यक है ।
पर शुक्ल-लेश्या वाले के लिये ऐसे भाव नहीं हो सकते कि “भाई/बुजुर्ग ऐसी कठिन परिषह कैसे सह रहे होंगे !”

आर्यिका श्री विज्ञानमति माताजी

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One Response

  1. शुक्ल पक्ष का मतलब पक्षपात न करना, आगामी काल में भोग की आकांक्षा न करना, समस्त प्राणियों से समता भाव रखना तथा राग देष व मोह नहीं करना यह शुक्ल पक्ष के लक्षण हैं। सर्वार्थसिद्वि –वैमानिक देवों के पांच अनुन्तर विमानों में एक विमान सर्वार्थसिद्वि है। यहां रहने वाले सभी देव अहमिंद़ कहलाते हैं और एक भावान्तर ही होते हैं अर्थात मरणोपरांत एक मनुष्य भव पाकर मुक्त हो जाते हैं। अतः उक्त कथन सत्य है कि दोनों नकुल सहदेव सर्वार्थसिद्वि गये है क्योंकि वहां के लिए शुक्ल लेश्या आवश्यक है।पर शुक्ल लेश्या वाले के यह भाव नहीं रह सकते हैं कि भाई या बुजुर्ग ऐसी कठिन परिषह कैसे सहते होंगे।

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