नववर्ष नव-उत्कर्ष के रूप में सूर्योदय के साथ मनाना चाहिए ।
मुनि श्री प्रमाण सागर जी
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मुनि श्री प़माण सागर महाराज का कथन सत्य है कि नववर्ष सूर्योदय के साथ मनाना चाहिए। आजकल भारत में इस तिथी को रात के बाहर बजे के बाद मानने लगे हैं जो उचित नहीं है। जैन शास्त्रों के अनुसार कोई भी तिथी सुबह सूर्योदय के बाद ही माना गया है।
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मुनि श्री प़माण सागर महाराज का कथन सत्य है कि नववर्ष सूर्योदय के साथ मनाना चाहिए। आजकल भारत में इस तिथी को रात के बाहर बजे के बाद मानने लगे हैं जो उचित नहीं है। जैन शास्त्रों के अनुसार कोई भी तिथी सुबह सूर्योदय के बाद ही माना गया है।