गोताखोर को जितना नीचे जाना हो उतना ऊपर उछलना होता है/अधिक शक्त्ति लगानी होती है।
जितने बड़े आकर्षण, उतने गहरे नीचे ले जाते हैं जैसे सुभौम चक्रवर्ती।
आकर्षण सांसारिक वैभवों का/कामना, नीचे/नरक ले जाती है।
सौधर्म इंद्र पद बिना कामना के मिलते हैं।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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निदान का मतलब किसी भी वस्तु की प्राप्ति हो तो ऐसा संकल्प करना होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि गोताखोर को गहराई में जाना पड़ता है, इसमें अधिक शक्ति लगानी पड़ती है। अतः जीवन में किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करना है तो पुरुषार्थ करना आवश्यक है ताकि सफलता प्राप्त की जा सकती है। अतः उपरोक्त उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।
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निदान का मतलब किसी भी वस्तु की प्राप्ति हो तो ऐसा संकल्प करना होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि गोताखोर को गहराई में जाना पड़ता है, इसमें अधिक शक्ति लगानी पड़ती है। अतः जीवन में किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करना है तो पुरुषार्थ करना आवश्यक है ताकि सफलता प्राप्त की जा सकती है। अतः उपरोक्त उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।