निद्रा

3 तीव्र निद्राओं के उदय में सम्यग्दर्शन प्रारम्भ नहीं होता ।
( पर सत्ता में 9 गुणस्थान तक तथा उदय 6 गुणस्थान तक)
पर निद्रा और प्रचला में हो सकता है ।
क्योंकि इन निद्राओं में जीव जगा/सोता रहता है, जाग्रत अवस्था में हो सकता है ।
निद्रा निद्रा = निद्रा पर निद्रा
प्रचला प्रचला में लार आती है ।

बाई जी

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