एक निवाला पेट तक पहुंचाने का…नियति ने क्या ख़़ूब इंतजाम किया है…
अगर गर्म है, तो हाथ बता देते हैं ;
सख़्त है, तो दांत ;
कड़वा या तीखा है, तो ज़ुबान ;
बासी है, तो नाक बता देती है ;
बस मेहनत का है या बेईमानी का !…
इसका फैसला आपको करना है…!!
(मंजू)
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नियत का मतलब कि जीव के द्वारा बांधे गए कर्म का उत्कर्षण या अपकर्षण तो संभव है,पर संक़मण होना संभव नहीं है उसे नियत कर्म कहते हैं।
अतः उक्त कथन सत्य है कि एक निवाला पेट तक पहुंचाने का कार्य जीभ करती है कि वह गर्म,सख्त, कड़वा,तीखा है यह बता देती हैं। लेकिन इसका फैसला हम को करना है कि यह सब मेहनत का है या बेईमानी है। अतः अपनी नियत धारण करना चाहिए कि हम ईमानदारी एवं मेहनत से करना है ताकि जीवन में बांछित कर्म बंध सकता है।
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नियत का मतलब कि जीव के द्वारा बांधे गए कर्म का उत्कर्षण या अपकर्षण तो संभव है,पर संक़मण होना संभव नहीं है उसे नियत कर्म कहते हैं।
अतः उक्त कथन सत्य है कि एक निवाला पेट तक पहुंचाने का कार्य जीभ करती है कि वह गर्म,सख्त, कड़वा,तीखा है यह बता देती हैं। लेकिन इसका फैसला हम को करना है कि यह सब मेहनत का है या बेईमानी है। अतः अपनी नियत धारण करना चाहिए कि हम ईमानदारी एवं मेहनत से करना है ताकि जीवन में बांछित कर्म बंध सकता है।