श्री प्रवचनसार की चूलिका में लिखा है कि संघों में निर्यापक की व्यवस्था रहती है, जो अन्य मुनियों/आर्यिकाओं/ ब्रम्हचारीओं को शिक्षा/प्रायश्चित आदि देते हैं ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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उपरोक्त कथन सत्य है कि श्री प़वचसार की चूलिका में लिखा है कि संघों में निर्यापक की व्यवस्था रहती है,जो अन्य मुनियों, आर्यिकाओं,ब्रह्मचारीओ को शिक्षा और प्रायश्चित आदि देने की व्यवस्था की गई है।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि श्री प़वचसार की चूलिका में लिखा है कि संघों में निर्यापक की व्यवस्था रहती है,जो अन्य मुनियों, आर्यिकाओं,ब्रह्मचारीओ को शिक्षा और प्रायश्चित आदि देने की व्यवस्था की गई है।