सिद्धशिला के आकार का (आधा नीबू),
शुद्ध शक्कर का (निर्वाण में अब मिलावट नहीं रह गयी),
मीठा – खुशी का प्रतीक,
ऊपर कपूर/दीपक – निर्वाण का प्रतीक ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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उपरोक्त कथन सत्य है। निवार्ण लाडू भगवान श्री महावीर स्वामी के मोक्ष प्राप्ती के कारण मनाया जाता है। भगवान् ने अन्धकार से प़ाकाश की और ले जाने का मार्ग बताया है। अतः इस खुशी में भगवान् के लिए निवार्ण लाडू चढाया जाता है। भगवान् सिद्ब शिला में विराजमान रहते हैं अतः लाडू का रुप आधा नीबू की तरह होता है और शक्कर की तरह मीठा होता है जो खुशी के प़तीक होता है। दीपक और कपूर निवार्ण के प़तीक होता है।
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उपरोक्त कथन सत्य है। निवार्ण लाडू भगवान श्री महावीर स्वामी के मोक्ष प्राप्ती के कारण मनाया जाता है। भगवान् ने अन्धकार से प़ाकाश की और ले जाने का मार्ग बताया है। अतः इस खुशी में भगवान् के लिए निवार्ण लाडू चढाया जाता है। भगवान् सिद्ब शिला में विराजमान रहते हैं अतः लाडू का रुप आधा नीबू की तरह होता है और शक्कर की तरह मीठा होता है जो खुशी के प़तीक होता है। दीपक और कपूर निवार्ण के प़तीक होता है।