मुनि श्री क्षमा सागर का इस कविता में आशय है कि जीवन में निशेष का मतलब आत्मा ही है, क्योंकि शरीर के बाद आत्मा ही है, जिससे आत्मा ही परमात्मा बन सकती है, जिसके लिए मोक्ष मार्ग का अनुसरण करना आवश्यक है। Reply
One Response
मुनि श्री क्षमा सागर का इस कविता में आशय है कि जीवन में निशेष का मतलब आत्मा ही है, क्योंकि शरीर के बाद आत्मा ही है, जिससे आत्मा ही परमात्मा बन सकती है, जिसके लिए मोक्ष मार्ग का अनुसरण करना आवश्यक है।