उपरोक्त कथन बिलकुल सत्य है… लगता है कि वैभव जो मिलता है वह पुण्य से ही मिलता है लेकिन पाप के बिना वैभव प्राप्त नहीं हो सकता है । अतः उचित होगा कि वैभव को पुण्य के कायो॓ं में उपयोग करें। वैभव का छोडना ही अपरिग्रह कहलायगा। Reply
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उपरोक्त कथन बिलकुल सत्य है…
लगता है कि वैभव जो मिलता है वह पुण्य से ही मिलता है लेकिन पाप के बिना वैभव प्राप्त नहीं हो सकता है ।
अतः उचित होगा कि वैभव को पुण्य के कायो॓ं में उपयोग करें। वैभव का छोडना ही अपरिग्रह कहलायगा।