मुनि 22 परीषहों को जय करके निर्जरा करते हैं।
श्रावक के परीषहों की परिषद होती है, उससे कर्मबंध करते हैं।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
Share this on...
4 Responses
आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने परिग्रह को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः श्रावकों को भी परिग्रह को छोडना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
4 Responses
आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने परिग्रह को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः श्रावकों को भी परिग्रह को छोडना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
Yahan par ‘परिषद’ ka kya abhipraay hai ? Ise clarify karenge, please ?
समूह,
जैसे विद्यार्थी-परिषद।
Okay.