700 मुनियों पर उपसर्ग आया तो देवता बचाने नहीं आये, एक मुनि (मुनि श्री श्रुतसागर जी ) बचाने इसलिये आये क्योंकि वे अपने लिये नहीं बल्कि 700 मुनियों को बचाने के लिये खुद को बलिदान करने आये थे ।
मुनि श्री सुधासागर जी
Share this on...
One Response
जैन धर्म में दया धर्म का मूल सिद्धांत है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि 700 मुनियों पर उपसर्ग हुआ था तो देवता बचाने नहीं आये थे, बल्कि एक मुनि श्री श्रुतसागर बचाने आये थे, क्योंकि अपने लिए नहीं बल्कि 700 मुनियों को बचाने के लिए खुद बलिदान करने आये थे। अतः जीवन में परोपकार स्वयं के लिए नहीं बल्कि दूसरों के परोपकार के लिए बलिदान देना परम आवश्यक है।
One Response
जैन धर्म में दया धर्म का मूल सिद्धांत है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि 700 मुनियों पर उपसर्ग हुआ था तो देवता बचाने नहीं आये थे, बल्कि एक मुनि श्री श्रुतसागर बचाने आये थे, क्योंकि अपने लिए नहीं बल्कि 700 मुनियों को बचाने के लिए खुद बलिदान करने आये थे। अतः जीवन में परोपकार स्वयं के लिए नहीं बल्कि दूसरों के परोपकार के लिए बलिदान देना परम आवश्यक है।