पसीना दो तरह का –
1. कसरत करने से शरीर के लिये लाभदायक ।
2. तप करने से आत्मा के लिये लाभदायक ।
चिंतन
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जीवन में पसीना तभी बहता है जब किसी उद्देश्य के लिए पुरुषार्थ करना पड़ना है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है पसीना के दो रूप हैं,जब व्यायाम करता है तब बहता है, लेकिन तप करने से आत्मा के लिए लाभदायक होता है।
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जीवन में पसीना तभी बहता है जब किसी उद्देश्य के लिए पुरुषार्थ करना पड़ना है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है पसीना के दो रूप हैं,जब व्यायाम करता है तब बहता है, लेकिन तप करने से आत्मा के लिए लाभदायक होता है।