पाप/पुण्य
पाप(करना पड़े तो) ऐसे करें जैसे कड़वी दवाई खायी जाती है,
पुण्य जैसे मिठाई खाते हैं ।
पाप का फल मिठाई की तरह खाकर समाप्त करें,
पुण्य का फल कड़वी दवा जैसा ।
पाप(करना पड़े तो) ऐसे करें जैसे कड़वी दवाई खायी जाती है,
पुण्य जैसे मिठाई खाते हैं ।
पाप का फल मिठाई की तरह खाकर समाप्त करें,
पुण्य का फल कड़वी दवा जैसा ।