पाप / पुण्य / मुक्ति

प्राय: धार्मिक जन पाप-पुण्य/नरक-स्वर्ग की बातें करते हैं ।
ज्ञानी, पाप-पुण्य से परे, मुक्ति की ।

मुनि श्री सौम्यसागर जी

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One Response

  1. यह कथन बिलकुल सही है… आजकल सभी लोग पाप-पुण्य एवं स्वर्ग की बात कहते रहते हैं, जब की मुक्ति के भाव रखने चाहिए, तभी कल्याण होगा ।

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