पाप / बुरी वस्तु
पाप जिसे पापी चाहता हो,
बुरी वस्तु जिसे बुरा आदमी चाहता हो ।
साधु ऐसी वस्तुयें रखते ही नहीं जिस पर असंयमी की नियत बिगड़े ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
पाप जिसे पापी चाहता हो,
बुरी वस्तु जिसे बुरा आदमी चाहता हो ।
साधु ऐसी वस्तुयें रखते ही नहीं जिस पर असंयमी की नियत बिगड़े ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
One Response
उपरोक्त कथन सत्य है कि पाप वह जिसे पापी चाहता हो, जबकि बुरी वस्तु जिसे बुरा आदमी चाहता हो, लेकिन साधु ऐसी चीजें नहीं रखते है जिस पर अंसयमी की नियत बिगड़ जावे।