बाढ़ के वेग में डूबना unavoidable है, पर शांत जल में लापरवाही से डूबने की जुम्मेदारी ख़ुद की है।
पापोदय में बीमारी आना समझ आता है, असावधानी से संक्रमित होना नहीं।
चिंतन
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पापों का मतलब जो आत्मा को शुभ से बचाए अथवा दूसरों के प्रति अशुभ परिणाम होना है।पाप चार प्रकार के होते हैं, हिंसा, झूठ, चोरी,कुशील एवं परिग़ह। लापरवाही का मतलब उस कार्य पर ध्यान न रखना होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि बाढ़ के बेग में डूबना जिससे बचा न सके,इसकी ज़िम्मेदारी स्वयं की नहीं होती है, जबकि पापोदय में बीमारी समझ में आती है,यह असावधानी से संक्रमित होना नहीं है। अतः पापों का फ़ल मिलता है, इसलिए सावधानी पूर्वक दूर रखने का प़यास करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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पापों का मतलब जो आत्मा को शुभ से बचाए अथवा दूसरों के प्रति अशुभ परिणाम होना है।पाप चार प्रकार के होते हैं, हिंसा, झूठ, चोरी,कुशील एवं परिग़ह। लापरवाही का मतलब उस कार्य पर ध्यान न रखना होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि बाढ़ के बेग में डूबना जिससे बचा न सके,इसकी ज़िम्मेदारी स्वयं की नहीं होती है, जबकि पापोदय में बीमारी समझ में आती है,यह असावधानी से संक्रमित होना नहीं है। अतः पापों का फ़ल मिलता है, इसलिए सावधानी पूर्वक दूर रखने का प़यास करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।