क्या प्रेम व घृणा पौद्गलिक हैं ?
(क्षायोपशमिक) ज्ञान सहित पौद्गलिक वर्गणायें हैं।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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3 Responses
पुदगल का मतलब रस,गंध, स्पर्श आदि होते हैं। उपरोक्त कथन सत्य है कि प़ेम एवं घृणा ज्ञान सहित पौदगलिक वर्गणायें होती हैं।यह सब क्षयोपशमिक ज्ञान सहित होती है।
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पुदगल का मतलब रस,गंध, स्पर्श आदि होते हैं। उपरोक्त कथन सत्य है कि प़ेम एवं घृणा ज्ञान सहित पौदगलिक वर्गणायें होती हैं।यह सब क्षयोपशमिक ज्ञान सहित होती है।
कृपा विस्तार से समझाए
कर्म वर्गणायें पौद्गलिक होती हैं,
जब उनमें रागद्वेष जुड़ जाते हैं तो वे ज्ञान रूप भी हो जाती हैं।