छेदन-भेदन से भी प्रासुक ।
सोंफादि को पीसने से/ छिलका हटने से, इस अपेक्षा प्रासुक से कहा है ।
फलों के लिये ये विधि नहीं है ।
आर्यिका श्री विज्ञानमति माताजी
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4 Responses
प़ासुक का मतलब जल वनस्पति आदि को विशेष प़किया के द्वारा सूक्ष्म जीवों से रहित कर लेना होता है। एकेन्द़िय आदि जीव निकल जाते हैं,वह प़ासुक द़व्य माना जाता है। उपरोक्त कथन सत्य है कि छेदन भेदन भी प़ासुक होता है। सोफादि को पीसने से या छिलका हटने से, इस अपेक्षा से भी प़ासुक कहा गया है लेकिन उक्त विधी फलों के लिए नहीं होती है।
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प़ासुक का मतलब जल वनस्पति आदि को विशेष प़किया के द्वारा सूक्ष्म जीवों से रहित कर लेना होता है। एकेन्द़िय आदि जीव निकल जाते हैं,वह प़ासुक द़व्य माना जाता है। उपरोक्त कथन सत्य है कि छेदन भेदन भी प़ासुक होता है। सोफादि को पीसने से या छिलका हटने से, इस अपेक्षा से भी प़ासुक कहा गया है लेकिन उक्त विधी फलों के लिए नहीं होती है।
Fruits ko kaise “प्रासुक” karte hain?
1) सब्जी जैसा बना कर
2) खूब गरम पानी में देर तक रख कर ताकि ताप फल की core तक पहुंच जाये ।
Okay.