जिससे जितनी बातें करते हो, उससे उतना ही प्रेम हो जाता है ।
भगवान/गुरु से कभी बातें की ?
मुनि श्री अविचलसागर जी
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One Response
जीवन में हर प्राणी से प़ेम रखना परम आवश्यक है, प्रेम में आत्मीयता होना आवश्यक है।
उपरोक्त कथन सत्य है कि आजकल जिससे जितनी बातें करते हो, उससे उतना प्रेम हो जाता है, लेकिन भगवान् और गुरुओं से प्रेम यानी श्रद्वा का अभाव है।
अतः जीवन में भगवान् और गुरुओं से आत्मीयता बढ़ाने के लिए उनके श्रद्वा करना परम आवश्यक है ताकि उनके पदचिन्हों पर चलकर अपना कल्याण करने से समर्थ हो सकें ।
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जीवन में हर प्राणी से प़ेम रखना परम आवश्यक है, प्रेम में आत्मीयता होना आवश्यक है।
उपरोक्त कथन सत्य है कि आजकल जिससे जितनी बातें करते हो, उससे उतना प्रेम हो जाता है, लेकिन भगवान् और गुरुओं से प्रेम यानी श्रद्वा का अभाव है।
अतः जीवन में भगवान् और गुरुओं से आत्मीयता बढ़ाने के लिए उनके श्रद्वा करना परम आवश्यक है ताकि उनके पदचिन्हों पर चलकर अपना कल्याण करने से समर्थ हो सकें ।