फूलादि चढ़ाना
1. यदि मूर्ति पर चंदन और फूल 8 द्रव्यों की अपेक्षा चढ़ाये जाते हैं तो बाकि 6 द्रव्य क्यों नहीं ?
2. अर्पण के बाद द्रव्य निर्माल्य हो जाता है, तो हटाना चाहिए ?
3. श्वेताम्बर भाई तो मूर्ति को परिग्रह युक्त मानते हैं, इसलिये मुकुटादि लगाते हैं ।
पर जो भगवान के वीतराग-रूप की ही पूजा करते हैं, वे मूर्ति को फूलादि से सजाते क्यों हैं ?
मुनि श्री सुधासागर जी
4 Responses
श्र्वेताम्बर और दिगम्बर में बुनियादी फर्क है कि दिगम्बर पूर्णतया वीतरागी भगवान् को मानते हैं जबकि श्र्वेतम्बर में नहीं मानते हैं। अतः दिगम्बर में पूजा में मूर्ति पर फूलादि नहीं चढ़ाते हैं। अतः भगवान् के समक्ष जो द़व्य चढ़ाते हैं वह निर्माल्य हो जाता है, जबकि श्र्वेतम्बर में यह परम्परा नहीं है।
“अर्पण के बाद द्रव्य निर्माल्य हो जाता है, तो हटाये क्यों नहीं जाते ya hataaye jaate?
भाषा बदली,
अब clear हुआ ?
Jee Uncle.