बिम्ब दर्शन
सम्यग्दर्शन भगवान के प्रत्यक्ष दर्शन से ज्यादा, जिनबिंब दर्शन से क्यों हो जाता है ?
सम्यग्दर्शन विश्वास का विषय है, प्रत्यक्ष दर्शन में विश्वास वाली बात कहाँ ?
भगवान की अनुपस्थिति में उन पर विश्वास हो तो यह विश्वास का विषय बनेगा ।
क्षायिक सम्यग्दर्शन के लिये ,प्रत्यक्ष केवली की ही आवश्यकता ,श्रद्धा की दृढ़ता के लिये होती है ।
चिंतन