भक्त / भगवान
भगवान, धर्म गुरु, शास्त्र, कुल, जाति, देश सब सच्चे चाहिये, भक्त (मैं)?
कुंडली तो दोनों की समान होनी चाहिये न!
मुनि श्री सुधासागर जी
भगवान, धर्म गुरु, शास्त्र, कुल, जाति, देश सब सच्चे चाहिये, भक्त (मैं)?
कुंडली तो दोनों की समान होनी चाहिये न!
मुनि श्री सुधासागर जी
2 Responses
उपरोक्त कथन सत्य है कि भक्त और भगवान की कुंडली समान होना चाहिए, लेकिन समान इसलिए नहीं कि भक्त को भगवान के गुणों में अनुराग नहीं रहता है। भक्त को भगवान, धर्म गुरु, शास्त्र,कुल,जाति आदि पर अनुराग रखना चाहिए ताकि सच्चा भक्त हो सकता है।
Sahi..bhakt ko bhi saccha hone ki bahut zaroorat hai !!